यह एक काल्पनिक कहानी है, इस कहानी के सभी किरदार एक दूसरे से बात करते है
मंसूरी चंद नाम का एक राजा था। जिसके राज्य का नाम लॉकडाउन पुर था | वह राज्य सभी राज्यों से बहुत ही अलग था | लॉकडाउन पुर में हमेशा हरयाली रहती थी और वहाँ के सभी लोग खुशी - खुशी से रहते थे | राजा भी अपने राज्य में किसी भी तरह की कोई समस्या आने नहीं देते थे | अगर कभी कोई समस्या होती भी थी तो लोग आपस में मिल के सलाह कर लेते थे | राज्य बहुत ही तरक्की करते जा रहा था | नई - नई चीजों की खोज होते रहती थी | इन सभी चीजों को देख के पड़ोसी राज्य बहुत परेशान हो रहे थे लेकिन वो लोग कुछ नहीं कर सकते थे, क्योंकी वह बहुत शक्तिसाली राज्य था |
जैसे - जैसे राज्य तरक्की किये जा रहा था वैसे वहाँ से हरयाली गयाब होते जा रही थी | एक बार राजा अपने राज्य घूमने के लिए निकला | घूमते - घूमते वह घने जंगल में पहुँच गया वहाँ उसने कुछ आवाज सूनी | आवाज सुनते ही राजा थोड़ा डर गया था क्योंकी वह अपने टोली से अलग हो चूका था | राजा डर से वहां छुप गया और उसकी बातें सुनने लगा | वहां उसने देखा पेड़ - पौधे एक दूसरे से बात कर रहे थे | ये देख के राजा को बहुत ही आश्चर्य हुआ ये हो कैसे सकता है | कैसे पेड़ - पौधे एक दूसरे से बात कर सकते है |
पेड़ - पौधें आपस में बातें करते हुए |
पेड़ो के राजा (आम ) - ये राजा बस अपने राज्य की तरक्की में व्यस्त हैं | हमलोगों को काट के नये - नये घर , इंडस्ट्री सब बना रहे है | इससे हमलोगों को कितना नुकसान हुआ हैं ये किसी को नहीं दिखता हैं |
सभी पेड़ ( एक साथ ) - जी सरकार अपने सही बोला अगर ऐसे ही हमलोगों की कटाई होती रही , तब वो दिन ज्यादा दूर नहीं है | जब हमलोगों को पूरी तरह से काट दिया जायेगा |
पेड़ो के राजा (आम ) - अब हमलोगों को ही कुछ करना होगा | अगर कुछ नहीं किये तो पूरी मानव जाति खतरे में आ जयेगी |
सभी पेड़ ( एक साथ ) - लेकिन सरकार हमलोग क्या कर सकते है ? हमलोगों की बातें सुनेगा कौन |
पेड़ो के राजा (आम ) - भगवान , हमलोग अब बस प्रार्थान ही कर सकते है |
राजा सबके सामने आया और बोला - आप लोग बातें भी करते हो |
पेड़ो के राजा (आम ) - हमलोगों भी आप लोगो की ही तरह है | हमलोग को भी खाना चाहिए होता हैं , जिसकी वजह से हमलोग जिंदा रहते हैं और आप लोगो को जिंदा रखते है |
राजा - लेकिन हमलोगों को रहने के लिए भी जगह चाहिए होता हैं | इसलिए हमलोगों की मजबूरी हैं पेड़ो को काटना |
पेड़ो के राजा (आम ) - ठीक हैं , रहने के लिए काटते हो वो तो ठीक हैं लेकिन जब हमलोग रहेंगे ही नहीं तो तुमलोग खाओगे क्या ? चलो मान लिया खाने के लिए कुछ कर भी लिया तो भी जिंदा रहने के लिए जो ऑक्सीजन तुमलोगो को मिलता हैं वो कहाँ से लाओगे | बिना ऑक्सीजन के तुमलोग एक मिनट भी जिंदा नहीं रह सकते हो |
राजा - ऐसा थोड़े ही होगा की बिना ऑक्सीजन के हमलोग जिंदा नहीं रह सकते |
पेड़ो के राजा (आम ) - तुरंत , वो सभी ने ऑक्सीजन देना बंद कर दिया | राजा का कुछ ही सेकंड में बहुत ज्यादा बुरा हाल हो गया , वो मरने ही वाला था लेकिन सभी ने अपना ऑक्सीजन देना स्टार्ट कर दिया |
राजा - अब मैं समझ गया लेकिन ये बताइये आगे क्या करू जिसकी वजह से ऐसी नौबत नहीं आएगी जो आज मेरे साथ आयी है |
पेड़ो के राजा (आम ) - बस ये करना जब पेड़ो को काटो तो वहां पे नई पेड़ो को लगाना और उसकी अच्छे से देख भाल करना क्यों की वो बहुत ही छोटे होते है और उससे तुमलोगो को परेशानी भी नहीं होगी | गंदगी ज्यादा मत फैलायो उससे भी बहुत परेशानी होती है |
राजा - सभी बातें मान लिया और उसने ये ठाना की अब वो ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएंगे और अपने राज्य में फिर से हरयाली लाएंगे | धीरे - धीरे राज्य में पेड़ो की संख्या बढ़ने लगी इससे पेड़ो के राजा (आम ) बहुत खुश हुए |
जैसे जल हमारी जीवन है वैसे ही पेड़ भी हमारी जीवन है उसको बचाना हमारा कर्त्तव्य है |
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